November 22, 2024

प्रदेश में हरियाली बढ़ाने के लिए सरकार ने वन मित्र योजना की शुरुआत की है जिसके तहत वन मित्र बनकर बेरोजगार व्यक्ति आय अर्जित करने के साथ ही प्रदेश को हरा भरा करते हुए स्वच्छ वातावरण बनाने में अपना योगदान दे सकेंगे।

डीसी उत्तम सिंह ने बताया कि राज्य में पेड़ों की संख्या बढ़ाते हुए वन क्षेत्र में इजाफा करने की यह सामुदायिक सहभागिता पर आधारित नायाब योजना है। इस योजना के तहत आमजन को वन मित्र बनाकर उन्हें पेड़ लगाने पर सरकार द्वारा प्रति वृक्ष मानदेय दिया जाएगा। खास बात यह है कि पेड़ के बड़े होने तक कई चरणों में वन मित्र को मानदेय हासिल होगा।

डीसी ने कहा कि वन मित्र बनाने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी व जिन परिवारों की आय 1.80 लाख रुपये से कम है उनका चयन पीपीपी डेटाबेस से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षकता की संस्कृति और वृक्षारोपण और देखभाल के प्रति व्यक्तिगत प्रतिबद्धता को बढ़ावा देने की अनूठी परिकल्पना इस योजना में की गई है।

डीसी ने बताया कि प्रथम वर्ष के दौरान जून के अंतिम सप्ताह तक जियो टैगिंग और मोबाइल एप पर वन मित्र द्वारा गड्ढों का फोटोग्राफ अपलोड करने पर 20 रुपये प्रति गड्ढा, जुलाई और अगस्त के अंतिम सप्ताह तक वन मित्र द्वारा लगाए गए पौधे की जियो टैगिंग के बाद 30 रुपये प्रति पौधा तथा सितंबर से महीनों के अंतिम सप्ताह तक रोपण के रखरखाव और संरक्षण के लिए 10 रुपये प्रति जीवित पौधा दिया जाएगा।

इसी प्रकार से द्वितीय वर्ष में हर महीने के अंतिम सप्ताह में 8 रुपये प्रति जीवित पौधा, तीसरे वर्ष में 5 रुपये प्रति जीवित पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में तथा चौथे वर्ष 3 रुपये जीवित पौधा हर महीने के अंतिम सप्ताह में वन मित्र को दिए जाएंगे।

डीसी ने बताया कि प्रथम वर्ष में फरवरी व मार्च में पंजीकरण, चयन और प्रशिक्षण दिया जाएगा। 10 जून तक वृक्षारोपण के लिए गड्ढे खोदने का काम पूरा, 1 जुलाई से 15 अगस्त तक रोपण अवधि होगी। 31 अगस्त तक वृक्षारोपण सत्यापन और जियो टैगिंग का पूरा होना तथा सितंबर से अप्रैल तक वृक्षारोपण का रखरखाव और संरक्षण का कार्य किया जाएगा।

इसी प्रकार से दूसरा, तीसरा और चौथा वर्ष में वृक्षारोपण का रखरखाव और संरक्षण का कार्य वन मित्र द्वारा किया जाएगा। एक व्यक्ति अधिकतम 1 हजार पेड़ों का रोपण कर सकता है। डीसी ने कहा कि वन मित्र योजना की अधिकारी जानकारी के लिए जिला वन मंडल कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

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