April 15, 2025
WhatsApp Image 2024-06-10 at 10.29.31 PM

 लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, उप सेना प्रमुख ने कल नई दिल्ली में भारतीय सेना के नवाचार “विद्युत रक्षक” को लॉन्च किया। विद्युत रक्षक एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स सक्षम एकीकृत जनरेटर निगरानी, सुरक्षा और नियंत्रण प्रणाली है जिसे आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो (एडीबी) द्वारा विकसित किया गया है।

यह नवाचार भारतीय सेना के पास मौजूद सभी मौजूदा जनरेटर पर लागू होगा, चाहे उनका प्रकार, मेक, रेटिंग और विंटेज कुछ भी हो। जनरेटर मापदंडों की नियंत्रण के अलावा, यह उपयोगकर्ता के अनुकूल इंटरफ़ेस के माध्यम से दोष की भविष्यवाणी, रोकथाम और मैन्युअल संचालन को स्वचालित करता है, जिससे मानव शक्ति की बचत होती है।

          लॉन्च के अवसर पर विद्युत रक्षक की पहली उत्पादन इकाइयों की शुरुआत की गई। उप सेना प्रमुख ने रिमोट द्वारा श्रीनगर (जम्मू और कश्मीर) में स्थित जनरेटरों को चालू किया और जनरेटरों के मापदंडों को देखा। उन्होंने तकनीक-अवशोषण के क्षेत्र में एडीबी की पहल की सराहना की।

          एयरो इंडिया 2023 के दौरान भारतीय सेना और फाउंडेशन फॉर इनोवेशन एंड टेक्नोलॉजी ट्रांसफर, आईआईटी दिल्ली के बीच ‘नवाचारों के उत्पादन’ के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसमें विद्युत रक्षक को इस तरह के पहले नवाचार के रूप में पेश किया गया। विद्युत रक्षक को मेजर राजप्रसाद आर एस द्वारा विकसित किया गया है और इसका प्रदर्शन हाल ही में “भारत शक्ति अभ्यास” के दौरान किया गया था।

          सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने अपने संदेश में एडीबी की सराहना की और कहा कि “जबकि भारतीय सेना ‘प्रौद्योगिकी अवशोषण का वर्ष’ मना रही है, विद्युत रक्षक की यह सफलता ‘नवाचार से प्रेरण’ और मिसाल तक एक मील का पत्थर है, जो परिवर्तनकारी बदलाव के उत्प्रेरक के रूप में प्रौद्योगिकी विकास के लिए भारतीय सेना की प्रतिबद्धता और प्रयासों को दर्शाता है।”

          हाल ही में, भारतीय सेना ने मेजर राजप्रसाद के एक अन्य नवाचार “पोर्टेबल मल्टी-टारगेट डेटोनेशन डिवाइस” के लिए भी पेटेंट हासिल किया है, जिसे पहले ही भारतीय सेना में शामिल किया जा चुका है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *