आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने शुक्रवार को गुहला चीका विधानसभा के गांव एवं वार्ड में चुनावी यात्रा शुरू की।
इस मौके पर पूर्व विधायक चौ. दिल्लू राम, पूर्व विधायक बूटा सिंह, नरेश ढांडा, पवन जगत, गज्जन सिंह, राकेश खानपुर, मास्टर जितेंद्र खेड़ी, दिलबाग सिंह पटवारी, मेजर सिंह, मोहिंद्र सिंह, सरपंच लवजिंद्र, साहब सिंह और कुलभूषण शर्मा मौजूद रहे।
उन्होंने अपनी चुनावी यात्रा गांव अटेला से शुरू की। इसके बाद वे गांव धर्मपुरा में लोगों से मिले। वहां से लैंडर पीरजादा में ग्रामीणों से रूबरू हुए। इसके बाद गांव अंधली में पहुंचे।
यहां से गांव पिसौल पक्की, लदाना चक्कू, मस्तगढ़, माजरी, कसौर, तारांवाली, रामथली और खरकां में लोगों को संबोधित किया और आशीर्वाद लिया।
इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों और महिलाओं का आशीर्वाद लिया और “इंडिया” गठबंधन को भारी बहुमत से जिताने की अपील की।
उन्होंने कहा कि पूरा देश भाजपा के जुल्म को झेल रहा है। आजादी के बाद देश के किसान को इतना सताया गया जितना अंग्रेजों ने भी नहीं सताया था। वो जुल्म, गंदी भाषा का प्रयोग, मुकदमे, संपति और बैंक खाते सील करने की धमकियां दी गई।
भाजपा दिल्ली और पंजाब के बॉर्डर को हिंदुस्तान और पाकिस्तान के बॉर्डर की तरह तब्दील कर दिया। देश की पहलवान बेटियों को एफआईआर लिखवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा। इसके बावजूद उनको आजतक इंसाफ नहीं मिला।
किसानों पर गाड़ी चढ़ाने वाले को टिकट दी जाती है। हरियाणा में लगातार अपराध, नशा और बेरोजगारी बढ़ती जा रही है। इसलिए आज कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भाजपा के खिलाफ माहौल है। हर प्रदेश में भाजपा का विरोध हो रहा है।
भाजपा ने हरियाणा में प्रदेश अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री को बदला, लेकिन हरियाणा की जनता सरकार बदलना चाहती है। लोग भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनाने का मन बना चुके हैं।
उन्होंने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ, तब से लेकर कई सरकारें आई और गई। किसी ने थोड़ा कम काम किया तो किसी ने ज्यादा संविधान के हिसाब से काम किया। परंतु इस बार जो सरकार की सरकार देश के संविधान और लोकतंत्र को तोड़ रही है।
इसलिए इस बार का चुनाव बहुत महत्त्वपूर्ण है। ये चुनाव किसी विशेष व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि देश के लिए लड़ा जा रहा है। इसलिए सभी विपक्षी पार्टियों ने मिलकर इंडिया गठबंधन बनाया। भाजपा को किसी भी राज्य में 30-35% से ज्यादा वोट नहीं मिलते।
परंतु विपक्ष का वोट बंट जाता है इसलिए हार जाता है। भाजपा बहुमत के बल पर सुप्रीम कोर्ट और लोकतंत्र का निरादर कर रही है। भाजपा ने चुनाव की घोषणा से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त का इस्तीफा लिया और अपनी मर्जी से नया चुनाव आयुक्त नियुक्त किया।