आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और कुरुक्षेत्र लोकसभा से ‘इंडिया’ गठबंधन के प्रत्याशी डॉ. सुशील गुप्ता ने मंगलवार को थानेसर विधानसभा के गांव एवं वार्ड में चुनावी यात्रा शुरू की। उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा मौजूद रहे।
इस मौके पर जिला पार्षद सुरेंद्र सैनी, निश्च गुप्ता, बलवान सैनी, सोहन नागपाल, कुलदीप कांग, पाला राम, रोशन लाल जांगड़ा, नरेंद्र कंबोज, ओम प्रकाश, श्याम सैनी और कुलदीप सिंह भी मुख्य तौर मौजूद रहे। उन्होंने अपनी चुनावी यात्रा गांव डोडाखेड़ी से शुरू की। इसके बाद वे गांव बिशनगढ़ में लोगों से मिले। वहां से भिवानी खेड़ा में ग्रामीणों से रूबरू हुए।
इसके बाद घमूर खेड़ा गांव में पहुंचे। यहां से गांव हंसाला, गांव सिंघपुरा, बहादुरपुरा, पलवल, खेड़ी रामनगर, गांव फतूहपुर, चंदरभानपुर, खासपुर, अमीन में लोगों को संबोधित किया और आशीर्वाद लिया। इस दौरान उन्होंने बुजुर्गों और महिलाओं का आशीर्वाद लिया और “इंडिया” गठबंधन को भारी बहुमत से जिताने की अपील की। यात्रा का समापन देर शाम थानेसर की पटियाला बैंक कॉलोनी में हुआ।
डॉ. सुशील गुप्ता ने कहा कि कोई पार्टी और चुनाव महत्वपूर्ण नहीं है, इस समय देश और लोकतंत्र सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। जिसको बचाने के लिए इंडिया गठबंधन बना है। जब से इंडिया गठबंधन बना है तब से भाजपा में हड़कंप मचा हुआ है, क्योंकि इस बार पीएम मोदी की विदाई तय है।
जब इस विदाई तय की बात आई तो इन्होंने अरविंद केजरीवाल को ईडी के नोटिस भेजने शुरू कर दिए, ताकि गठबंधन टूट जाए। अब उन्हें गिरफ्तार कर लिया है लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कहा जेल से सरकार चला लेंगे लेकिन इंडिया गठबंधन नहीं तोड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि भाजपा की तानाशाह सरकार किसानों पर आंसू गैस के गोले छोड़े रही है और किसानों पर गोलियां चला रही है। पीएम मोदी ने किसानों से एमएसपी का वादा किया था और बाद में पलट गए।
पूरी दुनिया ने देखा कि किसान सवा साल बॉर्डर पर बैठे, जहां 750 से ज्यादा किसानों ने शहादत दी। तब पीएम मोदी ने माफी मांग कर वो कृषि कानून वापस लिए थे। अब वो वादा याद दिलाने के लिए किसान दिल्ली जाना चाहते हैं तो हरियाणा सरकार किसानों को रोक रही है।
उन्होंने कहा कि आज तक प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की शहादत पर एक शोक प्रस्ताव भी पास नहीं किया।वहीं बीजेपी और प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों को उपद्रवी तक बोला।
उन्होंने कहा जब केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार पर दबाव डाला कि सभी स्टेडियमों को जेल बना दो, तब अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार के आदेश को सिरे से नकारने का काम किया और किसानों के साथ खड़े होने का काम किया।