हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल का मुख्यमंत्री रहते हुए लिया गया फैसला उन पर ही लागू हो गया।
मनोहर लाल ने पूर्व मुख्यमंत्री को मिलने वाले कैबिनेट मंत्री के दर्जे को खत्म कर दिया था। ऐसे में अब मनोहर लाल को सरकारी गाड़ी, कोठी और नौकर नहीं मिलेगा।
पहले पूर्व मुख्यमंत्री को सरकारी गाड़ी, कोठी, निजी सचिव, एक सहायक, ड्राइवर, 4 पीएसओ और 2 चपरासी मिलते थे।
अब पूर्व मुख्यमंत्री को पूर्व विधायक वाली ही सुविधाएं मिलती हैं।
मनोहर लाल ने विधानसभा में दिए अपने आखिरी भाषण में शेर पढ़ते हुए कहा था कि फिकर सभी को खा गई, फिकर जगत का तीर जो फिकर को खा गया, उसका नाम फकीर।
अब पूर्व सीएम मनोहर लाल करनाल में किराए के घर में रहेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का फैसला भूपेंद्र सिंह हुड्डा की सरकार में हुआ था।
2 मई 2013 को तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्व सीएम को कैबिनेट मंत्री का दर्जा देने का फैसला लिया था।
वर्ष 2014 में भाजपा सरकार आने के बाद हुड्डा को कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिल गया।
करीब 2 साल उन्हें यह सुविधाएं मिलीं। अप्रैल 2016 में हुड्डा के इस फैसले को पलट दिया था।
हरियाणा में अब तक सिर्फ 2 पूर्व सीएम को ही कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला था। इनमें हुकुम सिंह और भूपेंद्र सिंह हुड्डा शामिल हैं।
ये सुविधाएं पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला को भी मिलनी थीं, लेकिन हुड्डा जब यह नियम लाए उस समय ओपी चौटाला जेबीटी घोटाले में जेल में सजा काट रहे थे।