हरियाणा राज्य में शव के बुनियादी मानवाधिकारों को बनाए रखने और शव के सम्मानपूर्वक अंतिम निपटान के लिए और उससे सम्बन्धित और आनुषंगिक मामलों के लिए विधेयक को संशोधित करने के लिए हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024 पारित किया गया।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन का अधिकार के दायरे में ‘मृतकों के अधिकार और सम्मान’ भी शामिल हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा और उचित व्यवहार का अधिकार न केवल जीवित व्यक्ति को बल्कि उसकी मृत्यु के बाद उसके शरीर को भी प्राप्त है।
मृतकों के प्रति आदर और सम्मान मानवीय गरिमा की पहचान है। मृत व्यक्ति के अधिकार और सम्मान को ध्यान में रखते हुए किसी को भी मृत शरीर का समय पर अंतिम संस्कार न करके किसी भी विरोध या आंदोलन के माध्यम से किसी भी मांग को उठाने या आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन के लिए किसी शव का स्वयं उपयोग न करे या उपयोग करने की अनुमति न दे।
यह विधेयक ‘हरियाणा शव का सम्मान जनक निपटान अधिनियम, 2024’ एक मृत शरीर के गरिमापूर्ण और समय पर अंतिम संस्कार के लिए प्रावधान करता है और यदि परिवार के सदस्य किसी शव को अस्वीकार कर देते है और जिससे वह अंतिम संस्कार से वंचित हो जाता है तो सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा ऐसे शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा और उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह आवश्यक है। इसलिए यह बिल लाया गया है।