सिख गुरु परंपराओं व उनकी स्मृतियों को संजोने की दिशा में हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने कहा कि जिला कुरुक्षेत्र में पिपली के नजदीक एक भव्य स्मारक बनाया जाएगा, जिसमें सभी सभी सिख गुरुओं की हरियाणा में जो भी निशानियां व स्मृतियां हैं, उन्हें इस स्मारक में संरक्षित किया जाएगा, ताकि भावी पीढ़ी गुरुओं के जीवन में मानवता की सेवा का अमर संदेश की प्रेरणा ले सकें। यह संग्रहालय निश्चित ही एक पर्यटन का केन्द्र बनेगा।
मुख्यमंत्री बुधवार को जिला कुरुक्षेत्र में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हरियाणा के सिखों की सेवा में खट्टर नामक पुस्तक का विमोचन करने उपरांत उपस्थित जनों को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने लेखक और प्रकाशक को इस पुस्तक का टाइटल बदलने की सलाह दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पुस्तक में पिछले साढ़े 9 सालों में सिख गुरुओं के इतिहास को संजोने के लिए किए गए अनेक कार्यों जैसे गुरु नानक देव जी, गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाश पर्व व गुरु तेग बहादुर जी, बाबा बंदा सिंह बहादुर जी से संबंधित जितने भी कार्यक्रम हुए हैं, उनका उल्लेख किया गया है। उन्होंने पुस्तक के लेखक डॉ प्रभलीन सिंह तथा पुस्तक के प्रकाशन हेतु सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के महानिदेशक मनदीप सिंह बराड़ की सराहना की। यह पुस्तक अंग्रेजी, हिन्दी और पंजाबी तीनों भाषाओं में उपलब्ध है।
बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़ में बन रहा है स्मारक
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख राज्य की स्थापना करने वाले बाबा बंदा सिंह बहादुर की राजधानी लोहगढ़, जिला यमुनानगर में देश और दुनिया के लिए बेहतरीन भव्य स्मारक बनाया जाएगा। इसके लिए लोहगढ़ ट्रस्ट को 20 एकड़ जमीन दे दी गई है।
उन्होंने कहा कि जिला सोनीपत के बडख़ालसा गांव के सिख युवक भाई कुशाल सिंह दहिया ने गुरु तेग बहादुर जी के शीश के स्थान पर अपने शीश का दान दिया, ताकि गुरु जी का शीश आनंदपुर साहिब पहुंच जाये, उनकी ये कुर्बानी हम सभी को याद रहेगी। उनकी इस शहादत के सम्मान में हमने बडख़ालसा में एक स्मारक बनाया है।
गुरु घरों के प्रबंधन के लिए अलग से बनाई हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि हरियाणा में गुरु घरों के प्रबंधनों को लेकर भी लंबे वर्षों से विवाद चलता रहा और हमने सुप्रीम कोर्ट में मजबूत पैरवी करके हरियाणा के लिए अलग से गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाई।
यह राजनीतिक विषय नहीं था, लेकिन पंजाब की स्थिति को देखते हुए हरियाणा में गुरुद्वारों का प्रबंधन सही तरीके से हो सके, इसलिए अलग कमेटी बनाई गई। हमारा मानना है कि गुरु घरों से राजनीति अलग रहनी चाहिए। हरियाणा गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के चुनाव के लिए अलग से चुनाव आयोग बनाया गया है और यह उम्मीद है कि चुनाव कार्यक्रम जल्द जारी हो जाए, ताकि चुनी हुई कमेटी सही तरीके से गुरु घरों की संभाल कर सके।