कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कमेटी रूम में शुक्रवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति व गोयल पुरस्कार समिति के अध्यक्ष प्रो. सोमनाथ सचदेवा द्वारा 16वें राजीब गोयल पुरस्कार समारोह में प्रो. राजीव कुमार वार्ष्णेय को कृषि विज्ञान के क्षेत्र में उनके अनुकरणीय योगदान के लिए जीव विज्ञान के क्षेत्र में युवा वैज्ञानिक के लिए राजीब गोयल पुरस्कार से सम्मानित किया।
इस अवसर पर कुवि कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि वैज्ञानिकों ने अपने उत्कृष्ट कार्यों द्वारा राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान दिया है। कुलपति प्रो. सोमनाथ ने प्रोफेसर राजीव कुमार वार्ष्णेय के उत्कृष्ट योगदान की सराहना करते हुए कहा कि आज दिया जा रहा पुरस्कार डॉ. राजीव वार्ष्णेय के अभूतपूर्व शोध के लिए हमारे देश की कृतज्ञता का प्रतीक है, जिसने न केवल फसल की पैदावार बढ़ाई है बल्कि जलवायु परिवर्तन, कीटों और अन्य प्रतिकूलताओं की चुनौती का सामना करने में मदद की।
उन्होंने डॉ. वार्ष्णेय को सम्मानित करते हुए कहा कि हम न केवल एक वैज्ञानिक की व्यक्तिगत उपलब्धियों का जश्न मनाते हैं, बल्कि सकारात्मक बदलाव लाने के लिए विज्ञान की सामूहिक क्षमता का भी जश्न मनाते हैं और इस तरह के उत्कृष्ट योगदान अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों और नवप्रवर्तकों को ज्ञान की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करेंगे, और ऐसे समाधानों की दिशा में काम करेंगे जिससे समग्र रूप से समाज को लाभ हो।
कुलपति प्रो. सोमनाथ ने कहा कि हमारे देश में बुनियादी और व्यावहारिक विज्ञान की उन्नति में उत्कृष्ट योगदान के लिए भारतीय वैज्ञानिकों को गोयल पुरस्कार और युवा वैज्ञानिकों को राजीब गोयल पुरस्कार से सम्मानित करने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को बहुत गर्व है।
गोयल पुरस्कार समिति के संयोजक प्रोफेसर संजीव अरोड़ा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
गोयल पुरस्कार समिति के सह-अध्यक्ष प्रोफेसर एसपी सिंह ने गोयल पुरस्कारों की स्थापना और उनके महत्व के बारे में जानकारी दी। इस समारोह में गोयल पुरस्कार समिति के सभी सदस्य, प्रो. एनके माटा, प्रो. जितेन्द्र शर्मा, प्रो. एसके चहल, प्रो. अरविन्द्र मलिक, प्रो. सुनील ढींगरा, प्रो. ब्रजेश साहनी, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. अनीता भटनागर, प्रो. सुमन ढांडा, प्रो. अनीता दुआ, डॉ. दीपक राय बब्बर, डॉ. सोहन लाल सहित शिक्षक उपस्थित रहे।