हरियाणा के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री अनिल विज ने राज्य में अभी कोई केस नहीं है। हम आईएलआई और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) के केसों का आरटीपीसीआर टेस्ट करेंगे।
श्री विज आज देश के कुछ राज्यों में हाल ही में कोविड-19 के मामलों में वृद्धि और देश में कोविड-19 के जेएन.1 वेरिएंट के पहले मामले का पता चलने के मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्री डा. मनसुख मांडविया तथा अन्य राज्यों के स्वास्थ्य मंत्रियों एवं सचिवों के साथ सुरक्षा उपायों पर आयोजित वीडियो कांफ्रेंस में बोल रहे थे।
उन्होंने आज सुझाव देते हुए कहा कि आईएलआई लक्षण और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) केसों में आरटीपीसीआर टेस्ट जरूरी होने चाहिए और कोविड-19 को नोटिफाई बीमारी घोषित करना चाहिए ताकि निजी अस्पतालों में कोई केस आए तो वह सीएमओ व सरकारी अस्पतालों को जानकारियां दें।
उन्होंने कहा कि इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) और गंभीर तीव्र श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) मामलों की निगरानी और रिपोर्ट करने के लिए कहा गया है, ताकि ऐसे मामलों की शुरुआती बढ़ती प्रवृत्ति का पता लगाया जा सके।
उन्होंने कहा कि हरियाणा में हमने मॉकड्रिल की है और हमारी सारी तैयारी है। हरियाणा में 238 पीएसए प्लांट चालू हालत में है। यह बीमारी इसी रूप से आ रही है जैसे पहले आई थी और इसीलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए। पहले हम इस बीमारी के साथ लड़े है और सारी तैयारी टॉप गियर में करते हुए अलर्ट कर दिया गया है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि आज केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री एवं प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई है, इसके लिए क्या-क्या गाइडलाइन है हम पूरी तरह चौकस है, हमने हरियाणा की मीटिंग की है और मॉकड्रिल भी है जिसमें उपकरणों को जांचा गया है और हम पूरी तरह तैयार है।