हरियाणा के स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि हमें बच्चों को शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें संस्कारवान भी बनाना चाहिए, यह हमारे समाज के लिए बेहद जरुरी है। अगर हम बच्चों को संस्कारवान बनाते हैं तो यह न केवल हमारे लिए बल्कि पूरे समाज के लिए लाभदायक होगा। शिक्षा मंत्री गुरुवार को करनाल के सनातन धर्म बाल मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के स्वर्ण जयंती वार्षिकोत्सव में बतौर मुख्यतिथि बोल रहे थे। इस दौरान उन्होंने स्कूल की संस्था को 11 लाख रुपये देने की भी घोषणा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने नई शिक्षा नीति के तहत यह कोशिश की है कि बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ हमारे संस्कार भी सीखें इसलिए इस नीति में भारतीय भाषाओं, हमारे संस्कारों व रोजगार पर पूरा जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार आज छठी कक्षा से वोकेशनल शिक्षा दे रही है, जिससे बच्चे नए-नए कौशल सीख रहे हैं, वे भविष्य में अपना काम भी शुरू कर सकते हैं। शिक्षा मंत्री ने बताया कि हरियाणा में वर्तमान में 98 हजार बच्चे वोकेशनल शिक्षा ले रहे हैं।
4 हजार प्ले-वे स्कूल खोलने का लक्ष्य
स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने कहा कि हरियाणा सरकार गांवों में भी प्ले-वे स्कूल खोल रही है। सरकार ने प्रदेशभर में 4 हजार प्ले-वे स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। वहीं सरकार द्वारा चलाए जा रहे सुपर-100 कार्यक्रम के अच्छे नतीजे सामने आ रहे हैं। पहले वर्ष में इसमें पढ़ रहे 25 छात्र आईआईटी के लिए चयनित हुए, वहीं दूसरे वर्ष 29 छात्र आईआईटी, 26 छात्र एमबीबीएस के लिए चयनित हुए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने स्कूलों में बच्चों को टैब वितरित किए हैं ताकि वे बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सकें। इस टैब में 34 विषयों से जुड़ी पाठ्य सामग्री डाली गई है। उन्होंने कहा कि देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी छात्रों को इतनी बड़ी संख्या में आज तक टैबलेट नहीं बांटे गए। उन्होंने स्कॉटलैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि पिछले दिनों विदेश यात्रा के दौरान जब उन्होंने बताया कि हरियाणा ने 5 लाख टैबलेट बांटे हैं, तो स्कॉटलैंड के सरकारी अधिकारियों ने भी इस पर आश्चर्य जताया।
शिक्षा के क्षेत्र में विद्या भारती कर रही अद्वितीय कार्य
शिक्षा मंत्री ने कहा कि सनातन धर्म बाल मंदिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय से काफी विद्यार्थियों ने शिक्षा प्राप्त कर देश ही नहीं विदेशों में नाम रोशन किया है। उन्होंने कहा कि स्कूल की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि यह समाज द्वारा चलाया जा रहा है। कभी 7 विद्यार्थियों से शुरू हुए इस स्कूल में आज 700 विद्यार्थी हैं। सबसे बड़ी बात ये है कि इस स्कूल में विद्या भारती का योगदान है। विद्या भारती देश में सरकार के बाद शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने वाली सबसे बड़ी संस्था है, जो अद्वितीय कार्य कर रही है। विद्या भारती ने वनवासी क्षेत्र में भी स्कूल खोले हैं।