November 24, 2024

कुरुक्षेत्र में फसल अवशेष व पराली जलाने की घटनाओं में पिछले 4 सालों से लगातार गिरावट आ रही है। इस जिले में किसानों के सहयोग से गत्त वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष फसल अवशेषों में आग लगाने में 50 फीसदी की कमी दर्ज की गई है।

इस वर्ष 2023 में केवल 151 फसल अवशेषों में आग लगाने के मामले सामने आए है, जबकि गत वर्ष 2022 में यह आंकड़ा 300 केसों का था। अहम पहलू यह है कि वर्ष 2021 में 538 और वर्ष 2020 में फसल अवशेषों में आग लगाने के 845 मामले कृषि विभाग की तरफ से दर्ज किए गए थे। खास बात यह है कि किसान सरकार और प्रशासन का सहयोग दे रहे है और फसल प्रबंधन की तरफ अग्रसर हो रहें है।

किसानों के साथ-साथ मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कुरुक्षेत्र जिले के किसान लगातार फसल अवशेष प्रबंधन की तरफ आगे बढ़ रहे है। किसानों के सहयोग से फसल अवशेष जलाने की घटनाओं में 50 फीसदी कमी आई है।

इसके साथ ही मीडिया ने प्रशासन की नीतियों और फसल अवशेषों को आग लगाने से होने वाले नुकसान के बारे में किसानों को जागरूक करने का काम किया है। इन सबके साझे प्रयासों से पिछले 4 सालों से लगातार फसल अवशेषों में आग लगाने की घटनाओं में कमी आ रही है।

उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों का प्रबंधन करने पर वर्ष 2023 में 22429 किसानों को सरकार की तरफ से लगभग 19 करोड़ 19 लाख 66 हजार रुपए का इन्सेंटिव दिया जाएगा, जबकि पिछले वर्ष 2022 में किसानों को फसल अवशेषों का प्रबंधन करने पर 11 करोड़ 22 लाख 33 हजार 956 करोड़ रुपए का इन्सेंटिव दिया गया था। इस योजना का वर्ष 2022 में 12945 किसानों ने फायदा उठाया था। इस वर्ष 9484 किसान योजना के साथ नए जुड़े है।

पराली जलाने पर अंकुश लगाने और आग की घटनाओं को सक्रिय रूप से कम करने के सरकार द्वारा किए जा रहे अथक प्रयासों से पिछले वर्षों की तुलना में कुरुक्षेत्र में पराली जलाने की घटनाओं में लगातार कमी आई है। जिले में लगातार घट रही पराली जलाने की घटनाओं से साबित होता है कि फसल अवशेष प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार द्वारा किसानों को जागरूक करने के प्रयास धरातल पर सफल साबित हुए हैं।

राज्य सरकार पराली के जीरो-बर्निंग लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। पराली न जलाने को लेकर हरियाणा सरकार ना केवल जागरूकता अभियान चला रही है बल्कि हरियाणा सरकार द्वारा पराली न जलाने व पराली के उचित प्रबंधन के लिए 1000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा कृषि विभाग द्वारा किसानों को पराली प्रबंधन के लिए विभिन्न मशीनें व उपकरण भी मुहैया करवाए जा रहे हैं।

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