हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को बब्याल में शौर्य चक्र विजेता अमर शहीद लक्ष्मण सिंह जी की पुण्यतिथि के अवसर पर उनकी याद में बनाए गए ‘अमर शहीद लक्ष्मण सिंह जी स्मृति द्वार’ का रिब्बन काटकर उद्घाटन किया।
विज ने इस अवसर पर कहा कि ‘शहीदों को सम्मान देना मेरा परम कर्तव्य है और उन्हीं की बदौलत देश महफूज है’। मौके पर शौर्य चक्र विजेता शहीद की धर्मपत्नी मीणा कुमारी के अलावा उनके सुपुत्र अजीत राणा व रजत राणा सहित भाजपा कार्यकर्ता एवं बड़ी संख्या में बब्याल के निवासी मौजूद थे
लक्ष्मण सिंह रक्षा मंत्रालय के अधीन आने वाले बार्डर रोड आर्गेनाइजेशन का हिस्सा जनरल रिजर्व इंजीनियरिंग फोर्स में बतौर ओईएम पद पर तैनात थे। उनकी तैनाती वर्ष 2005 में विक्षम परिस्थितियों वाले खरदूंगला दर्रे पर थी, 18 फरवरी 2005 में हिमस्खलन की चपेट में आ गए थे और बर्फ में दब गए थे। इस घटना के बाद 4 जुलाई 2005 को उनका शव सेना ढूंढ सकी थी।
वर्ष 2006 में तत्कालीन राष्ट्रपति डा. एपीजे अब्दुल कलाम आजाद ने शहीद लक्ष्मण सिंह के मरणोपरांत उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया और यह सम्मान उनकी पत्नी मीणा कुमारी को सौंपा गया था। सम्मान हासिल करने के कई वर्षों बाद शहीद को अपने ही शहर में पहचान नहीं मिल सकी थी और अब गृह मंत्री अनिल विज के प्रयासों से शहीद की याद में स्मृतिद्वार का निर्माण कर उन्हें पहचान दिलाने का कार्य किया जा सका है।