हरियाणा भाजपा सरकार में स्कूल शिक्षा, वन एवं पर्यटन मंत्री कंवरपाल ने जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में अभी कुछ दिन पहले ही हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में शहरी स्थानीय निकायों में पिछड़ा वर्ग (ए) के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए गठित हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई।
रिपोर्ट को स्वीकृति मिलने के बाद अब नगर निगमों, नगर परिषदों और नगर पालिकाओं में मेयर व अध्यक्षों के पदों की संख्या का आठ प्रतिशत नागरिकों के पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए के लिए आरक्षित होगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री कंवरपाल ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति दर्शन सिंह की अध्यक्षता में गठित आयोग ने पिछड़े वर्गों के नागरिकों के राजनीतिक पिछड़ेपन का आंकलन करने के लिए गहन जांच की। आयोग ने पाया कि पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए (बीसी-ए) के लोगों को राजनीतिक सेटअप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें शहरी स्थानीय निकायों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता है।
हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग ने अधिनियम की धारा 9 के तहत राज्य में पिछड़े वर्गों की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक स्थितियों का अध्ययन करने, जनकल्याणकारी योजनाओं में पिछड़े वर्गों को लाभ, प्रतिनिधित्व और भागीदारी का अध्ययन करने, शिक्षण संस्थानों में पिछड़े वर्गों के छात्रों व युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों का अनुमान लगाने तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि के उपायों की रिपोर्ट तैयार की।
आयोग के अध्यक्ष पूर्व न्यायाधीश सरदार दर्शन सिंह, सदस्य श्याम लाल जांगड़ा व अन्य ने मिलकर प्रदेश की सभी छह डिवीजनों में जाकर यह अध्ययन किया। जिसके बाद इन्होंने इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री मनोहर लाल को सौंपी। इस रिपोर्ट में उन्होंने पिछड़ा वर्ग ए को आरक्षण देने की मांग की। आयोग की इस रिपोर्ट को मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य मंत्रीमंडल की कैबिनेट बैठक में स्वीकृत कर दिया।