चंडीगढ़/समृद्धि पाराशर: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज के समय में नैतिक शिक्षा को दैनिक शिक्षा के साथ जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि बच्चे बचपन से ही ज्ञानवान बनने के साथ साथ संस्कारवान भी बनें। इसी दिशा में मुख्यमंत्री ने आज पंचकूला स्थित शिक्षा सदन में स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा 2023 (एनसीएफ) को लेकर एक अहम बैठक की। बैठक में स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कंवर पाल भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री ने स्वयं स्कूली पाठ्यक्रम को देखा और अधिकारियों से किस – किस विषय के लिए कितना समय सुनिश्चित किया जाए, इस बारे में भी विस्तार से चर्चा की, ताकि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम ढांचा 2023 के अनुसार बच्चों का चरित्र निर्माण भी किया जा सके।
उन्होंने कहा कि इस दिशा में बढ़ते हुए राज्य सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति – 2020 को प्रदेश में वर्ष 2025 तक पूरी तरह लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में प्रत्येक बच्चे को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने तथा ड्रॉप आउट दर को कम करने के लिए निरंतर प्रयासरत है।
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि पीएम-श्री योजना के तहत प्रदेश में पीएम-श्री स्कूल स्थापित करने की दिशा में भी कार्य योजना तैयार कर जल्द उसे क्रियान्वित किया जाए।
शिक्षा के क्षेत्र में किए सरकार ने किए आमूलचूल परिवर्तन
मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार पांच एस यानी शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वावलंबन और स्वाभिमान के लिए कार्य कर रही है। राज्य सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कई आमूलचूल परिवर्तन किए हैं। आज हरियाणा शिक्षा क्षेत्र में कहीं भी पीछे नहीं है।
बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश खुल्लर, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल सहित विभाग के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।