‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के चीफ अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने रविवार सुबह अरेस्ट कर लिया। 18 मार्च 2023 को पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के लिए उसके गांव जल्लूपुर खेड़ा में दबिश दी थी, पर वह भाग निकला था।
36 दिन बाद उसे मोगा के रोडे गांव से गिरफ्तार किया गया है। सिख कट्टरपंथी जरनैल सिंह भिंडरांवाले इसी गांव का रहने वाला था। 29 सितंबर 2022 को यहीं अमृतपाल को वारिस पंजाब दे का प्रमुख घोषित किया गया था।
अमृतपाल पर अजलाना थाने पर हमला कर साथी को छुड़ाने का आरोप है। जल्लूपुर खेड़ा गांव में किलेनुमा घर में रहने वाला अमृतपाल नशा मुक्ति केंद्र चला रहा था, जहां मरीजों को फ्री में दवा और खाना मिलता है।
अमृृतपाल खुद को गर्व से खालिस्तान समर्थक बताता है, खालिस्तान यानी खालसा या सिखों का अलग देश। ये दावा भी करता है कि लोग खालिस्तान के समर्थन में हैं। 23 फरवरी को अजनाला थाने पर हमले के बाद भास्कर ने अमृतपाल के गांव से रिपोर्ट की थी।