कहते हैं संत, महंत, महात्मा और पुजारी दयावान होते हैं, लेकिन एक महंत का क्रूर चेहरा गुड़गांव में देखने को मिला है जहां सफाई के दौरान युवक से मूर्ति खंडित होने पर महंत और उसके साथियों ने मिलकर युवक को पेड़ से बांधकर रात भर पीटा।
डंडों से युवक की इस कदर पिटाई की गई कि उसने दम तोड़ दिया। मारपीट किए जाने का जब यहां काम कर रहे एक मिस्त्री ने विरोध किया तो महंत और उसके साथियों ने उसे धमका कर वापस भेज दिया।
इसकी सूचना जब सेक्टर-10 थाना पुलिस को लगी तो उन्होंने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मामले में हत्या का केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है। बताया जा रहा है कि जिस महंत ने वारदात को अंजाम दिया है वह दो साल पहले ही इस मंदिर में आया था
प्रत्यक्षदर्शी, मथुरा के रहने वाले महेश की मानें तो वह टाइल लगाने का काम करता है। वह कई दिनों से सेक्टर-37 के बणी वाले मंदिर में टाइल लगाने का काम कर रहा था। इस दौरान दीपेश उर्फ राजू रोजाना की तरह मूर्ति की सफाई करने आया था।
सफाई करने के दौरान मूर्ति के हाथ की उंगलियां टूट गई। इस बारे में उसने मंदिर के महंत अजीत उर्फ पुजारी उर्फ बाबाजी को बताया। आरोप है कि उन्हें इस बारे में बताते ही वह गुस्से में आ गया और युवक की पिटाई शुरू कर दी। उसे मंदिर में लगे बरगद के पेड़ के साथ बांध दिया और पास ही गौशाला में मौजूद अपने दो साथियों सोनू बल्हारा व सोनू उर्फ सिला को बुला लिया जिन्होंने भी मिलकर रात भर उसे पीटा।
महेश ने बताया कि जब उसने मारपीट का विरोध किया तो आरोपी उन्हें धमकाकर अपना टाइल लगाने का काम पूरा करने के लिए कहने लगे। देर रात तक वह युवक को पीटते रहे और महेश अपना काम खत्म कर चला गया। सुबह जब वापस लौटा तो देखा कि युवक पेड़ से बंधा हुआ है और उसकी पिटाई के कारण मौत हो चुकी है।