हरियाणा की एक्साइज पॉलिसी जून में समाप्त हो जाएगी। इसको देखते हुए सरकार नई पॉलिसी की तैयारी में जुट गई है। इसके लिए 8 सदस्यीय कोर कमेटी का सरकार ने गठन किया है।
हालांकि कोर कमेटी के लिए पॉलिसी बनाना एक बड़ी चुनौती होने की संभावना है क्योंकि 2024 की शुरुआत में लोकसभा चुनाव होने हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार लोकसभा चुनाव को देखते हुए समिति से अपेक्षा की गई है कि वह राज्य सरकार, शराब निर्माताओं और उपभोक्ताओं सहित सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखेगी।
2019-20 में 6,361.20 करोड़ था रेवेन्यू
हरियाणा आबकारी विभाग ने दावा किया कि पिछले तीन वर्षों में अच्छा राजस्व संग्रह हुआ है। विभागीय आंकड़ों के अनुसार, आबकारी विभाग ने 2019-20 में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6,361.20 करोड़ रुपए खजाने में जमा कराए।
2020-21 में 6.69 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 6,786 करोड़ रुपए, 1 अप्रैल, 2022 से 2 मार्च, 2023 की अवधि के दौरान 2021-22 में 16.94 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7,936 करोड़ रुपए और 22.80 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,005 करोड़ रुपए राज्य के खजाने में कराए हैं।