केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विरासत को आगे बढ़ाएंगे और इसमें राज्य के लोग भी उनके साथ हैं।
चुनाव आयोग द्वारा शिंदे के गुट को असली शिवसेना घोषित किए जाने और धनुष और तीर के चिन्ह के उपयोग की अनुमति दे दी है। इससे उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका लगा है। दरअसल, इनके इनके पिता ने ही 1966 में संगठन की स्थापना की थी।
शिवसेना की कमान अब शिंदे गुट के हाथों में चली गई है। चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को असली शिवसेना के रुप में मान्यता दी है। इसके साथ ही शिंदे गुट को पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष-तीर कमान’ भी मिल गया है।
वहीं, आज उद्धव ठाकरे गुट के वकील ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम शिवसेना और चुनाव चिह्न करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की।
सुप्रीम कोर्ट ने वकील से कल इसका जिक्र करने को कहा है।